आत्मप्रेरणा - आपकी ताकत !
For English Version - Self : Effervescence within you
“नर हो ना निराश करो मन को कुछ काम करो कुछ काम करो जग मेंअपना कुछ नाम करो …”
मैथिलीशरण गुप्त
यह पंक्तियां हमें प्रेरित करती हैं कि हम अपनी जिंदगी में कुछ
अच्छे कर्म करें और अपने जीवन को सफल बनाएं ।
यह मेरा पहला प्रयास, अपनी राष्ट्रीय भाषा में है और यह मेरा पहला ब्लॉग है हिंदी में । इस पहले प्रयास में आज मैं बात करना चाहता हूँ आत्मप्रेरणा (Self - Motivation) और लगन (Dedication) के बारे में ।आत्मप्रेरणा एक ऐसी अंदरुनी शक्ति है जो आपके लिए एक बल का काम कर सकती है । तभी तो मैंने आज पहली बार हिंदीं में ब्लॉग लिखने का प्रयास किया है ! अगर आपमें आत्म शक्ति है और आप में आत्मविश्वास है तोआप इस दुनिया में कुछ भी प्राप्त कर सकते हैं । अपने लक्ष्य को भेदने में मदद कर सकता है यह आत्मविश्वास। यह लगन आदमी को अंदर से आनी चाहिए ना कि बाहर से । सुनने में यह बड़ी दूर की कौड़ी लगती है पर यकीन मानिए यह तभी संभव है जब आप अपने आप पर विश्वास रखें ।
हम अपनी अंदरुनी शक्ति को कैसे जागृत करें, इसी बारे में यह ब्लॉग है । कुछ कर दिखाने की इच्छा ही हमें दुनिया में कुछ भी प्राप्त करवा सकती है, हमारे लक्ष्य को प्राप्त करवा सकती है । यह
प्रेरणा (Motivation)
प्रेरणा दो प्रकार से आती है। पहली बाहर से जो हम इस दुनिया में किसी भी काम को करने के लिए प्रेरित करती है, और दूसरी है अंदरूनी मतलब आत्मप्रेरणा । इस तरह की प्रेरणा को किसी भी बाहरी सहारे की जरूरत नहीं है, जैसे की एक कार को चलने के लिए पेट्रोल की जरुरत पड़ती है । वह पेट्रोल उसको बाहर से मिलता है परंतु अगर कार का पेट्रोल खत्म हो जाए तो वह एक मीटर भी आगे नहीं बढ़ सकती लेकिन अगर आपके अंदर अंदरुनी शक्ति है तो वह एक ऐसे साधन का काम करेगी जो उसे किसी भी बाहरी साधन की जरूरत नहीं पड़ेगी । जैसे की उबलते पानी में बुलबुले बाहरी आग की मदद से पैदा होते हैं पर सोडे के पानी में बुलबुले अपने आप उठते हैं। उबलते पानी को अगर आग देनी बंद कर दे तो उसमे बुलबुले भी उठने बंद हो जायेंगे।
निराश होने के कारण
आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम बहुत जल्दी निराश हो जाते हैं । हम बहुत जल्दी पाना चाहते है। अगर हम जो पाना चाहते हैं वह हमें जल्दी नहीं मिलता है तो हम निराश होकर उसको पाने की इच्छा छोड़ देते हैं और साथ ही प्रयास भी। उदाहरण के लिए मैंने लिखना ३ साल पहले शुरू किया था पर जब उसका कोई फल नहीं मिला तो मैंने लिखना बंद कर दिया । जबकि अगर मैं प्रयास करता रहता तो आज न सिर्फ में एक अच्छा लेखक होता साथ ही कई लेख भी प्रकाशित कर चुका होता।
हम लोग आजकल इतनी जल्दी निराश हो जाते हैं और इसी अधीरता के चलते अगर ऐसा नहीं हो पाता तो इसी वजह से हम लोग टेंशन, डिप्रेशन, ब्लड प्रेशर और दिल (Tension, Depression, Blood Pressure & Heart) की बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं । इनमें से कुछ सबसे बड़े कारण है, हमारा काम, हमारा स्टेटस, हमारा स्वास्थ्य, हमारा आस-पड़ोस और जिस माहौल में हम रहते हैं । पर अपने आप को हमेशा याद दिलाते रहना चाहिए कि अपनी जिंदगी के स्वामी आप ही हैं । आप जो फैसला लेंगे वह फैसला आगे चलकर आपकी ही जिंदगी को बदलने का काम करेगा ।
एक नयी शुरुआत
आपको हमेशा सुबह उठते ही सबसे पहली चीज जो सोचनी चाहिए वह है आज एक नया दिन है । आज मुझे एक नई शुरुआत करनी है और आज का दिन मेरा होगा । हमेशा याद रखिए कि जब रास्ता दूभर हो जाता है तो साहसी और कर्मठ लोग ही उसको पार कर पाते हैं ।
अ. हमेशा अच्छी किताबें पढ़िए। हमेशा प्रेरित करने वाले लोगों से मिलिए।आत्ममंथन करिये यानी के अपने लिए हुए निर्णयों का सम्मान करते हुए सोचिए की आपने क्या फैसले लिए और उनका क्या फल मिला ।
ब. मेडिटेट(Meditate) करिए मेडिटेट करने से आदमी का दिमाग स्वस्थ रहता है जैसे योगा । सच्चाई को एक्सेप्ट करिए हमेशा जैसा आप चाहते हैं वैसा नहीं होगा तो अपनी कमियों और अपनी खामियों (Mistakes)से सीखिए और आगे बढ़िए ।
स. हमेशा नए सपने(Dream) देखिए। सपने हमेशा आगे बढ़ने के लिए हमें प्रेरित करते हैं। अपनी भूख को पहचानिए अगर आप भूखे नहीं होते तो आप खाना खाने की कोशिश नहीं करते, उसी प्रकार से अपने मन में नए-नए लक्ष्य चुनिए और उसको पूरा करने की कोशिश करिए ।
द. यह मानिए कि इस दुनिया में आपकी प्रतियोगिता(Competition) केवल आप से है और किसी से नहीं । यदि आप अपने आप को हरा सकते हैं तो आप अपने लिए एक बेहतर जिंदगी बना सकते हैं ।
म. अपने आप पर विश्वास रखिए(Believe in Yourself) अगर आपको अपने ऊपर विश्वास है तो इस दुनिया में आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता अपने जिंदगी को आप अपनी आंखों से बनता और बिगड़ता हुआ देखते हैं बाकी सब लोग आपकी ज़िन्दगी में केवल एक हिस्सा हैं । सब अपनी जिंदगी के खुद निर्माता होते हैं इस चीज को मानिये ।
च. अपनी गलतियों से सीखें जो आदमी अपनी गलतियों से सीखता है वह उसको दोबारा होने से रोक सकता है ।
छ. कभी बहाने(Excuses) मत बनाइए। अंग्रेजी में कहावत हे "देयर इज़ नो - नो " । मतलब कि ना को अपनी डिक्शनरी में से हटा देना चाहिए ।
ज. हमेशा पॉजिटिव(Positive) रहिये । पॉजिटिव लोगों के पास ही पॉजिटिव ऊर्जा होती है जो वो पूरे वातावरण को पॉजिटिव बनाती है और हमेशा अच्छा ही होता है ।
अंत में दोस्तों मुझे लगता है की अपनी बात में आपके समक्ष रखने में सफल हुआ हूँ और आपको यह ब्लॉक पसंद आया होगा । आपके उत्साहवर्धन(Encouragement) की मुझे हमेशा जरुरत रहेगी ।
For English Version - Self : Effervescence within you
Comments
Post a Comment